Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 10 सजीव और निर्जीव Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 10 सजीव और निर्जीव
Bihar Board Class 6 Science सजीव और निर्जीव Text Book Questions and Answers
अभ्यास और प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही उत्तर चुनिए –
(क) निम्न में निर्जीव हैं –
(i) गाय
(ii) घोड़ा
(iii) पेड़-पौधे
(iv) रेलगाड़ी :
उत्तर:
(iv) रेलगाड़ी :
(ख) निम्न में सजीव हैं –
(i) कुसी
(ii) मेज
(iii) पत्थर
(iv) बीज
उत्तर:
(iv) बीज
(ग) सजीवों के मुख्य लक्षण नहीं हैं –
(i) श्वसन
(ii) वृद्धि
(iii) प्रजनन
(iv) स्थिरता
उत्तर:
(iv) स्थिरता
(घ) पौधे अपना भोजन निम्न क्रिया द्वारा स्वयं बनाते हैं –
(i) श्वसन
(ii) उद्दीपन
(iii) प्रकाश-संश्लेषण
(iv) उत्सर्जन
उत्तर:
(ii) उद्दीपन
(ङ) निम्न में से किस पौधे की पत्तियाँ छूने पर अचानक सिकुड़ जाती हैं –
(i) गुलाब
(ii) गुड़हुल
(iii) छुई-मुई
(iv) मेंहदी
उत्तर:
(iii) छुई-मुई
प्रश्न 2.
खाली जगहों को दिये गए शब्दों की सहायता से भरें
(उत्सर्जन, श्वसन, प्रजनन, ऊर्जा)
(क) सजीव ……….. द्वारा अपने समान जीवों की उत्पत्ति करता है।
(ख) सजीवों को कार्य करने के लिए …….. की आवश्यकता होती है।
(ग) सजीवों में ऊर्जा उत्पन्न होने के लिए भोजन तथा ……………. आवश्यक है।
(घ) विपैले एवं दूपित पदार्थ ……………. क्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकलते हैं।
उत्तर:
(क) प्रजनन
(ख) श्वसन
(ग) ऊर्जा
(घ) उत्सर्जन
प्रश्न 3.
सजीवों तथा निर्जीवों में किन्ही पाँच अंतर को स्पष्ट करें।
उत्तर:
सजीव:
- सजीव भाजन करते हैं
- सजीव बोलते हैं।
- सजीव में वृद्धि होती है।
- सजीव श्वसन क्रिया करते हैं।
- सजीव वंश-वृद्धि करत हैं।
निर्जीव:
- निर्जीव भोजन नहीं करते हैं।
- निर्जीव बोलते नहीं हैं।
- निर्जीव में वृद्धि नहीं होती है।
- निर्जीव में श्वसन क्रिया नहीं होती है।
- निर्जीव में वंश-वृद्धि की क्षमता नहीं होती है।
प्रश्न 4.
गाड़ी गतिमान है लेकिन यह सजीब नहीं है, कैसे?
उत्तर:
किसी वस्तु को सजीव हम तब कहते हैं जब उसमें एक साथ ये सभी लक्षण जैस- श्वसन, उत्सर्जन, उद्योपन के प्रति अनुक्रिया, प्रजनन, गति एवं वृद्धि पाए जाते हैं। यही कारण है कि गाड़ी सजीव नहीं है। क्योंकि इसमें गति है परन्तु सजीव के सभी लक्षण मौजूद नहीं हैं।
प्रश्न 5.
मछली सजीव है। इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत करें।
उत्तर:
मछली सजीव है क्योंकि इसमें सजीव के सभी लक्षण मौजूद हैं जैसे मछली भोजन करती है, श्वसन एवं उत्सर्जन करती है उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया करती है। इसके साथ-साथ उसमें वंश-वृद्धि की भी क्षमता होती है।
प्रश्न 6.
आपकी कक्षा में रखे मेज, कुर्सी निर्जीव हैं? तर्क दें।
उत्तर:
कक्षा में रखे मेज, कुर्सी निर्जीव हैं। क्योंकि इसे न तो भोजन की आवश्यकता होती है। न ही इसमें वृद्धि होती है न ही श्वसन एवं उत्सर्जन की क्रिया होती है और न ही वंश वृद्धि की क्षमता होती है। यानि इसमें सजीव के सभी लक्षणों का समावेश नहीं है।
प्रश्न 7.
किसी ऐसी निर्जीव वस्तु का उदाहरण दीजिए जिसमें सजीवों के दो लक्षण परिलक्षित होते हैं।
उत्तर:
गाड़ी एक निर्जीव वस्तु है परन्तु इसमें गति होती है। उसके साथ भोजन के रूप में ईंधन का प्रयोग होता है। ये दोनों लक्षण सजीव की तरह इसमें परिलक्षित होते हैं।
प्रश्न 8.
निम्न में से कौन-सी निर्जीव वस्तुएँ किसी समय सजीव का अंश थी?
मक्खन चमड़ा, मृदा, ऊन, बिजली का बल्ब, खाद्य तेल, नमक, सेब, रबड़।
उत्तर:
चमड़ा, मक्खन, ऊन, खाद्यतेल, सेब, रबड़।
प्रश्न 9.
सजीवों के विशिष्ट लक्षण सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
सजीवों के विशिष्ट लक्षण निम्न होते हैं –
- सजीव गतिमान होते हैं।
- सजीव को भोजन की आवश्यकता होती है।
- सजीव बोलते हैं।
- सजीव श्वसन क्रिया करते हैं।
- सजीव उत्सर्जन क्रिया करते हैं।
- सजीव उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया करते हैं।
- सजीव वंश-वृद्धि करते हैं आदि।
Bihar Board Class 6 Science सजीव और निर्जीव Notes
अध्ययन सामग्री :
भूमिका एवं विषय प्रवेश –
हमारे चारो तरफ अनेक पेड़-पौधे, छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े, बड़े-बड़े – जीव-जन्तु तथा मिट्टी, वायु, जल, पत्थर आदि फैले हुए हैं। इसके अलावे हम अपने घर में मेज, कुर्सी, किताब, बिल्ली, चूहा, फोन, गाड़ी आदि को प्रत्येक दिन देखते हैं। इनमें से कुछ बोलते हैं। चलते हैं श्वास लेते हैं, उत्सर्जन क्रिया करते हैं। वंश-वृद्धि करते हैं तथा उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया करते हैं। परन्तु कुछ ऐसी वस्तु में से एक-दो लक्षण ही पाए जाते हैं।
अब इन सभी वस्तुओं का दो वर्गों में बाँटा गया है. सजीव एवं निर्जीव। सजीव और निर्जीव में अंतर स्पष्ट करना कठिन-सा प्रतीत होता है क्योंकि एक ओर सजीव चलते हैं तो कार, बस भी चलते हैं। यह भोजन के रूप में ईंध न लेते हैं तथा उत्सर्जन के रूप में धुंआ फेकते हैं। आकाश में बादल चलते भी हैं और अपने में वृद्धि भी करते हैं तो क्या उसका अर्थ है कि बादल, कार आदि सजीव हैं? नहीं । तो आखिरकार हम निर्जीव एवं सजीवों में विभेद किस प्रकार करेंगे। क्या सजीवों में कुछ विशेष लक्षण होते हैं। जो उन्हें निर्जीव पदार्थों से अलग करते हैं।
सजीवों में पाए जाने वाले लक्षणों पर हम प्रकाश डाल सकते हैं –
- सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है।
- सभी सजीवों में वृद्धि परिलक्षित होती है।
- सभी सजीवों में श्वसन क्रिया होती है।
- सभी सजीव उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया करते हैं।
- सभी सजीवां में जान होती है।
- सभी सजीवों में उत्सर्जन क्रिया सम्पन्न होती है।
- सभी सजीव वंश-वृद्धि करते हैं।
- सभी सजीव गतिमान होते हैं।
- सभी सजीव की मृत्यु होती है।
ये सभी लक्षणों का सामान्य तौर पर पदार्थों में समावेश होता है उन्हें सजीव कहते हैं। इन सभी लक्षणों में से एक-दो किसी पदार्थ में मौजूद होते हैं परन्तु सभी लक्षण नहीं होते हों तो उसे निर्जीव कहते हैं।
सजीव जगत में भोजन की आवश्यकता उसे कार्य करने के लिए क्षमता प्रदान करती है। यही भोजन सजीव में वृद्धि करते हैं। ग्रहण किए गए भोजन से हमारे शरीर को ऊर्जा श्वसन के बाद ही मिल पाती है। हमारे शरीर के लिए भोजन एक ईंधन है। शरीर के अन्दर किये गए भोजन को ऑक्सीजन जलाती है जिससे हमारे शरीर को जीवित रखने एवं कार्य करने के लिए ऊर्जा मिलती
सजीव जगत के जीव-जन्तु में भोजन का तरीका अलग-अलग होता है। ठीक उसी प्रकार श्वसन का तरीका भी भिन्न-भिन्न होता है। उदाहरण के लिए केंचुआ त्वचा द्वारा सांस लेता है। मछली के गिल होते हैं जिनकी सहायता से वह जल में घुले वायु से ऑक्सीजन अवशोपित कर लेती है। पौधों की श्वसन क्रिया में गैसों का विनिमय मुख्यत: उनकी पत्तियों द्वारा होता है। पत्तियाँ सूक्ष्म रंध्रों द्वारा वायु को अंदर लेती हैं तथा ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं और – कार्बन डाईआक्साइड वायु में निष्काषित कर देती हैं। प्रकाश की उपस्थिति में पौधे वायु की कार्बनडाई ऑक्साइड का उपयोग भोजन बनाने के लिए करते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
सजीव के सभी लक्षणों में से उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया प्रमुख माना जाता है। प्रिय व्यंजन, तेज, प्रकाश, गर्म वस्तु, कांटा आदि उपरोक्त स्थितियों में आपके बाह्य वातावरण में होने वाले परिवर्तन हैं जिसके प्रति ज्ञानेन्द्रियाँ अनुक्रिया करती हैं। इन्हें ही उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया कहते हैं। जैसे जंगली जानवरों पर तेज प्रकाश पड़ते ही भाग जाते हैं। रसोई घर में बल्ब प्रदीप्त करते ही कॉकरोच अचानक अपने छिपने के स्थान में भाग जाते हैं। छुई-मुई के पौधे की पत्तियाँ छूने पर अचानक सिकुड़ जाती हैं। जिन जन्तुओं के सिर पर स्पर्शक होते हैं वे स्पर्श दबाव, ध्वनि, गंध, प्रकाश, तापमान, नमी आदि के प्रति संवेदनशील होते हैं।
सजीवों में उत्सर्जन भी एक महत्वपूर्ण लक्षण होते हैं। हमारे शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं के फलस्वरूप विषैले एवं दूषित पदार्थ बनते रहते हैं। ऐसे दूषित पदार्थ मूत्र या पसीना या मल आदि के द्वारा हमारे शरीर से निकल जाते हैं जिसे उत्सर्जन कहते हैं।
व अपशिष्ट पदार्थ पेड़ की छाल के नीचे जमा होता है, जो छाल के गिरने के साथ अपशिष्ट पदार्थ भी बाहर निकल जाता है। पेड़ से सूखी पत्तियों के गिरने के साथ अपशिष्ट पदार्थ का निष्कासन होता है।
सजीव जगत के जीव-जन्तु के सबसे महत्वपूर्ण लक्षण अपने समान दूसरी पीढ़ी का निर्माण करना है। यानि सजीव में वंश-वृद्धि (प्रजनन) की क्षमता होती है जो निर्जीव पदार्थ में नहीं पाए जाते हैं।
इस प्रकार सजीव में ऊपर वर्णित लक्षणों के अलावे भी अनेक लक्षणों की उपस्थिति ही उन्हें निर्जीव पदार्थों से अलग करता है।
सजीव – वे सभी पदार्थ जिसमें गति, वृद्धि, बोलने की क्षमता, श्वसन, उत्सर्जन, उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया तथा वंश-वृद्धि करने की क्षमता हो, उन्हें सजीव कहते हैं। जैसे- पेड़- पौधे, मानव, जीव-जन्तु (कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, केंचुला, मछली) आदि।
निर्जीव – के सभी पदार्थ जिसमें सजीव में पाए जाने वाले एक-या दो लक्षण ही पाए जाते हों उसे निर्जीव कहते हैं। यानि जो न बोलता हो, न श्वास लेता हो, न हँसता हो, न ही उसर्जन करता हो, न उद्यीपन के प्रति अनुक्रिया करता हो और न वंश-वृद्धि करने (प्रजनन) की क्षमता हो। उसे निर्जीव कहते हैं। जैसे – कुर्सी, मंज, पुस्तक, दीवार, गाड़ी आदि।