Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक

Bihar Board Class 6 Science चुम्बक Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(क) जो वस्तु चुम्बक की ओर खिंचती है ……………….. कहलाता है।
(ख) चुम्बक के जिन स्थानों पर ‘लोहे का बुरादा सबसे अधिक चिपकता है, चुम्बक का ……………कहलाता है।
(ग) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ चुम्बक सदा …………… की दिशा में ही रूकता है।
(घ) जब दो समान ध्रुव आमने-सामने रहते हैं तब ………… होता है।
(ङ) जब दो असमान ध्रुव आमने-सामने होते हैं तब ……….. होता है।
उत्तर:
(क) चुम्बकीय पदार्थ
(ख) ध्रुव
(ग) उत्तर-दक्षिण
(घ) विकर्षण
(ङ) आकार्षणः

प्रश्न 2.
मिलान कीजिए –
(1) मैग्नेटाइट – (क) उत्तरी एवं दक्षिणी
(2) लोहा, निकिल, कोबाल्ट – (ख) अचुम्बकीय पदार्थ
(3) दो ध्रुव – (ग) यूनान का चरवाहा
(4) लकड़ी – (घ) चुम्बकीय पदार्थ
(5) मेग्नस – (ङ) प्राकृतिक चुम्बक
उत्तर:
(1) – (ङ)
(2) – (घ)
(3) – (क)
(4) – (ख)
(5) – (ग)

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प्रश्न 3.
निम्न वाक्यों में जो सही हो उनके सामने (सही) का चिह्न एवं गलत कथन के सामने (गलत) का चिह्न लगायें।
(क) प्लास्टिक एक चुम्बकीय पदार्थ है।
(ख) कृत्रिम चुम्बक का आविष्कार यूनान में हुआ था।
(ग) जो वस्तु चुम्बक की ओर आकर्पित होती है। चुम्बकीय वस्तु कहलाती है।
(घ) चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं।
उत्तर:
(क) गलत
(ख). सही
(ग) सही
(घ) सही

प्रश्न 4.
चुम्बक के किन्हीं दो गुणों को लिखिए।
उत्तर:
चुम्बक के दो प्रमुख गुण –
(क) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ चुम्बक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में रूकता है।
(ख) चुम्बक, चुम्बकीय पदार्थ को अपनी ओर आकर्षित करता है।

प्रश्न 5.
छड़ चुम्बक के ध्रुव कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर:
छड़ चुम्बक को प्रयोग में लाने के बाद पाया गया कि इसके दोनों सिराओं पर आकर्षण शक्ति सबसे ज्यादा होती है जिसे ध्रुव कहते हैं यानि छड़ चुम्बक के ध्रुव दोनों सिराओं पर स्थित होते हैं।
Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 15 चुम्बक 1

प्रश्न 6.
आप लोहे की पत्ती को चुम्बक कैसे बनायेंगे?
उत्तर:
एक लोहा की पत्ती तथा एक चुम्बक लेंगे। चुम्बक को लोहे की पत्ती पर कुछ देर तक रगड़ते रहेंगे। कुछ देर के बाद पत्ती जब हटाते हैं तो उसमें चुम्बकीय गुण आ जाते हैं। इस प्रकार चुम्बक से रगड़ कर लोहे की पत्ती को चुम्बक बनाया जा सकता है।

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प्रश्न 7.
दिशा सूचक में कंपास का किस प्रकार प्रयोग होता है?
उत्तर:
घड़ी के केश या डायल की तरह का होता हैं जिसमें चारों दिशा अंकित रहते हैं। उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम। उसके ठीक केन्द्र पर एक कील होता है। जिस पर चुम्बक का बना हुआ सूई लगा होता है। जिसके एक तरफ लाल रंग चढ़ा होता है। यह सूई किसी भी दिशा में घूमने के लिए स्वतंत्र होता है। जब इसको हिला-डुला कर छोड़ देते हैं तो यह हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में आकर रूक जाती है। इससे दिशा का निर्धारण हो जाता है। इसलिए इसे “दिक् सूचक सूई” या चुम्बक दिक्सूचक यंत्र कहते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे लिखी चीजों में से कौन-सी एक छड़ चुंबक के दोनों ध्रुवों की ओर आकर्षित होगी ? हरेक का कारण भी बताइए ।
(क) किसी दूसरे छड़ चुम्बक का उत्तर ध्रुव
(ख) किसी दूसरे छड़ चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव
(ग) लोहे का टुकड़ा
(घ) लकड़ी का गुटका
उत्तर:
लोहे का टुकड़ा क्योंकि उसमें कोई ध्रुव नहीं होता है ।

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Bihar Board Class 6 Science चुम्बक Notes

अध्ययन सामग्री :

आज से लगभग 2500 वर्ष पहले यूनान में क्रीट नामक द्वीप पर एक बूढ़ा चरवाहा मेगनस रहता था। उसकी छड़ी के निचले हिस्से में लोहा लगा हुआ था। एक भेड़-बकरी चराने के क्रम में उसकी छड़ी के निचले हिस्से में (लोहे की भाँति देखने) कोई पदार्थ चिपक गया जिसमें लोहे को आकर्षित करने के प्राकृतिक गुण में हैं। उस वस्तु (पत्थर) का नाम “लोडस्टोन” है जो लोहे का ही एक रूप है, पर इसमें प्राकृतिक रूप से ही चुम्बकीय गुण होते हैं। आगे चलकर महान वैज्ञानिक विलियम गिलर्बट ने अनेक प्रयोग कर चुम्बक के अनेके गुणों का विवरण किया। ईसा के जन्म के लगभग 600 वर्ष पूर्व से ज्ञात है कि “मैगनेटाइट” नामक खनिज पदार्थ के टुकड़ों में लोहे के पदार्थों को आकर्षित करने का गुण है। ऐसे पदार्थों को चुम्बक कहा गया।

प्रकृति में मिलने के कारण इसे प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं। रासायनिक रूप से यह लोहे का ऑक्साइड (Fe2O4) होता है। इसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती है। कुछ पदार्थों को कृत्रिम विधियों द्वारा चुम्बक बनाया जा सकता है। जैसे लोहा, इस्पात, कोबाल्ट आदि इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते हैं। ये विभिन्न आकृति की होती है, जैसे – छड़-चुम्बक, घोड़ा-नाल चुम्बक, चुम्बकीय सूई आदि।

चुम्बक में लोहे, इस्पात आदि धातुओं को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता होती है। यदि किसी चुम्बक को लौह बुरादों के पास लाया जाय, तो बुरादा चुम्बक में चिपक जाता है। चिपके हए बरादे को मात्रा, चुम्बक के दोनों सिरों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि चुम्बक की आकर्षण शक्ति उसके दोनों किनारों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। चुम्बक के किनारे के दोनों सिरों को नुम्बक के ध्रुव कहते हैं।

यदि किसी चुम्बक को धागे से बाँधकर मुक्त रूप से लटका दिया जाय, तो स्थिर होने पर उसका एक ध्रुव उत्तर की ओर और दूसरा ध्रुव दक्षिण की ओर हो जाता है। उत्तर दिशा सूचित करने वाले ध्रुव को चुम्बक का उत्तरी ध्रुव N तथा दक्षिण दिशा सूचति करने वाले ध्रुव को चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव S कहते हैं। दंड चुम्बक के दोनों ध्रुवों से होकर गुजरने वाली काल्पनिक सरल रेखा को उस चुम्बक का चुम्बकीय अक्ष कहते हैं। दोनों ध्रुवों के बीच की दूरी को चुम्बकीय लम्बाई कहते हैं।

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दो चुम्बकों के असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्पित करते हैं तथा दो समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्पित करते हैं। किसी चुम्बक को बीच से तोड़ देने पर इसके ध्रुव अलग-अलग नहीं होते, बल्कि टूटे हुए भाग पुनः चुम्बक बन जाते हैं तथा प्रत्येक भाग में उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव उत्पन्न हो जाते हैं। अतः एक अकेले चुम्बकीय ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता है। – चुम्बक के चारों ओर वह क्षेत्र जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव होता है, उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं।

चुम्बकीय क्षेत्र में बल रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ हैं, जो उस स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को अविरल प्रदर्शन करती है।

चुम्बकीय बल रेखाओं के गुण –

  • चुम्बकीय बल रेखाएँ सदैव चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा वक्र बनाती हुई दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कर जाती हैं और चुम्बक के अन्दर से होती हुई पुनः उत्तरी ध्रुव पर वापस आती हैं।
  • दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती।
  • चुम्बकीय क्षेत्र जहाँ प्रबल होती है, वहाँ बल रेखाएँ पास-पास होती हैं।
  • एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर-बराबर दूरियों पर होती हैं।

चुम्बक के आकर्षण के आधार पर सभी पदार्थों को दो भागों में विभाजित किया गया है।
(क) चुम्बकीय पदार्थ।
(ख) अचुम्बकीय पदार्थ।

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वे सभी पदार्थ जो चुम्बक के द्वारा आकर्षित हो जाते हैं उसे चुम्बकीय पदार्थ कहते हैं जैसे- लोहा, स्टील, निकेल आदि।

वे सभी पदार्थ जो चुम्बक के द्वारा आकर्षित नहीं होते हैं उसे अचुम्बकीय पदार्थ कहते हैं। जैसे- कागज, लकड़ी, पत्थर, अल्युमिनियम आदि।

चुम्बक का प्रयोग मोटर, पंखा, टेलीविजन, दिशा सूचक यंत्र आदि में किया जाता है।