Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 9 गंदे जल का निपटान
Bihar Board Class 7 Science गंदे जल का निपटान Text Book Questions and Answers
अभ्यास
A. सही विकल्प चुनें –
प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल है-
(i) पीने योग्य
(ii) स्नान योग्य
(iii) दुषित जल
(iv) भोजन बनाने योग्य
उत्तर:
(iii) दुषित जल
प्रश्न 2.
विश्व जल दिवस मनाया जाता है –
(i) 22 जनवरी को
(ii) 22 फरवरी को
(iii) 22 मार्च को
(iv) 22 अप्रैल को
उत्तर:
(iii) 22 मार्च को
प्रश्न 3.
दूषित जल से होने वाली बिमारी नहीं है-
(i) पेचिस
(ii) पीलिया
(iii) खुजली
(iv) कैंसर
उत्तर:
(iv) कैंसर
प्रश्न 4.
पीलिया रोग का कारण है –
(i) दूषित जल का व्यवहार
(ii) गंदे कपड़ा पहनना
(iii) गरिष्ठ भोजन करना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) दूषित जल का व्यवहार
प्रश्न 5.
चापाकल या कुएँ के पास जल जमाव से पेयजल होता है-
(i) स्वच्छ
(ii) दूषित
(iii) स्वच्छ एवं दृषित
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) दूषित
B. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
- हैजा एक ……………. जनित बीमारी है।
- बायोगैस का उपयोग ……………. के स्रोत के रूप में किया जाता है।
- वाहित मल घर, स्कूल, होटल, अस्पताल आदि से उपयोग के बाद बहने वाला ……………. जल होता है।
- वाहित मल एक जटिल मिश्रण है जिसमें निलोबत ठोस, मतजीवी और रोगवाहक जीवाणु कार्बनिक और ……………. अशुद्धियाँ पाई जाती हैं।
- पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है …………. वीमारियाँ।
उत्तर:
- जल
- ऊर्जा
- अपशिष्ट
- अकार्बनिक,
- जल जनित।
C. सही वक्तव्य के सामने सही (✓) एवं गलत उत्तर के सामने गलत (✗) का चिह्न लगावें।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2005-15 की अवधि को “जीवन के लिए जल” पर कार्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक के रूप में घोषित किया है। (✓)
- हैजा और. टायफाइड वायरस के कारण होने वाले गंग हैं। (✗)
- जल जनित रोगों के प्रमुख कारण दषित जल है। (✓)
- वायो गैस संयंत्र मानव मल निबटान को वैकल्पिक व्यवस्था है। (✓)
- कचरा प्रबंधन हेतु प्रत्येक व्यक्ति को एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी चाहिए। (✓)
D. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें –
प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
वैसे जल जो प्रयोग करने के बाद जल जैसे झाग, तेल मिश्रित,अस्पतालों और उद्योगों से निकले काले, भरे रंग का जल जो नालियों में जाता है ‘अपशिष्ट’ जल कहते हैं।
प्रश्न 2.
वाहित पल क्या है ? उनमें कौन-कौन सी अशुद्धियाँ होती है ?
उत्तर:
वाहित मल घरों, स्कूलों, होटलों, अस्पतालों, उद्योगों और कार्यालय में उपयोग करने के बाद वाहित अपशिष्ट जल है। इसमें द्रवरूपी अवशिष्ट होता है जिसमें घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य होते हैं।
प्रश्न 3.
जल जनित बीमारी क्या है ? इनसे होनेवाली किन्हीं तीन बीमारी के नाम एवं उनके लक्षण बताएँ।
उत्तर:
दूषित जल के सेवन से उत्पन्न रोग जनजनित बीमारी कहते हैं। पेचिश, पीलिया और हैजा जो दूषित जल के सेवन से होता है। पेचिश के लक्षण बार-बार दस्त होना, पेट में मरोड़ के साथ दस्त होना । पीलिया रोग में आँख, नाखुन एवं पेशाब का पीला हो जाना, भूख कम लगना । हैजा के लक्षण-अधिक और लगातार के दस्त हाना!
प्रश्न 4.
बायोगैस क्या है ? इसके क्या लाभ हैं?
उत्तर:
जानवरों, जीव-जन्तुओं के अवशिष्ट पदार्थ बायो संयंत्र में इकट्ठा होकर गैल बनाता है जिसे बायो गैस कहते हैं। बायो गैस ईंधन का काम करता है इससे खाना पका सकते हैं घरों और सड़कों पर लाइट जला सकते हैं और गैस उपयोग करने के बाद बचे अवशिष्ट पदार्थ खाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
प्रश्न 5.
एक जागरूक नागरिक के रूप में हम कचरा एवं गंदे जल के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं।
उत्तर:
यदि किसी व्यक्ति के घर से वाहित जल या आसपास कडा-कर्कट फेंके तो इसके लिए कार्यालय में निवेदन करना चाहिए। उसे समझाना चाहिए। किसी सार्वजनिक स्थान का सफाई-सुथरा करने में सहयोग करना चाहिए। कचरा हमेशा कूड़ेदान में फेंकना चाहिए। इस प्रकार हम योगदान कर सकते हैं।
Bihar Board Class 7 Science गंदे जल का निपटान Notes
गंदै जल नालियों में बहता है, जिसमें झाग, तंल मिश्रित, काले, भरे रंग का जल जा शौचालय, दुकान, होटल और रमाईधर आदि स नालियों में जाता है जिसे “अपशिष्ट जल” कहते हैं। वाहित मल, घरों, स्कूलों, होटलों, अस्पतालों, उद्योगों आदि जगहों में उपयोग के बाद वाहित अपशिष्ट जल होता है। वाहित मल द्रवरूपी अपशिष्ट होता है । इसमें अधिकांश जल होता है और घुले हुए निलंबित अपद्रव्य होते हैं। ऐसे अपद्रव्य संदृषक कहलाते हैं। वाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है जिसमें निलंबित ठोस कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, पापक तत्व, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं। कार्बनिक अशुद्धियाँ मानव मल, मूत्र, जैविक अशिष्ट, तेल, फल और सब्जी का कचरा आदि। अकार्बनिक अशद्धियाँ नाइट्रेट, फॉस्फेट धातुएँ आदि । हैजा और टायफॉयड़ आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु । पेचिश रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीव रहते हैं। सोख्ता गड्ढे का प्रयोग करना चाहिए। दूषित जल से कई तरह के रोग उत्पन्न होते हैं। उनका रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। एक तालिका बनाते हैं।
मानव मल निपटान के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। आज सैप्टिक टैंक, सूखा मोबाइल शौचालय का निर्माण किया जाता है। गंदे जल से निपटान के लिए भी शहरों में व्यवस्था की जाती है। शहरों में तीन प्रकार का नाला, पक्का नाला कच्चा नाला और भूगर्भ नाला । प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में भूगर्भ नालो. के साथ वाहित मल उपचार संयंत्र स्थापित करना चाहिए ताकि शहरी क्षेत्र गंदे जल से मुक्त हो सके और गंदे जल का निकास सीधा नदी में न हो। क्योंकि कई तरह की बीमारियाँ तथा जलीय जीव-जन्तुओं का नुकसान होता है। गाँवों में भी गंदे जल का निपटान के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। मानव मल से उन्नत खाद ‘बनाया जा सकता है। वायो संयंत्रों का उपयोग कर ऊर्जा की प्राप्ति की जाती है। नागरिकों को जागरूक होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों को सफाई करनी चाहिए।