Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 15 जीवों में श्वसन
Bihar Board Class 7 Science जीवों में श्वसन Text Book Questions and Answers
अभ्यास
प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही का निशान (✓) लगाएँ।
(क) अन्तः श्वसन के समय पसलियाँ
(i) बाहर की ओर गति करती है
(ii) नीचे की ओर गति करती है
(iii) ऊपर और बाहर की ओर गति करती है
(iv) गति बिल्कुल नहीं करती है
उत्तर:
(iii) ऊपर और बाहर की ओर गति करती है
(ख) उच्छश्वसन के समय पसलियाँ
(i) नीचे और अन्दर की ओर गति करती हैं
(ii) नीचे की ओर गति करती है
(iii) ऊपर की ओर गति करती है
(iv) बाहर की ओर गति करती है।
उत्तर:
(i) नीचे और अन्दर की ओर गति करती हैं
(ग) मछली में श्वसन के लिए अंग हैं –
(i) फेफड़ा
(ii) त्वचा
(iii) श्वास रन्ध्र
(iv) गलफड़ा
उत्तर:
(iv) गलफड़ा
(घ) श्वसन के फलस्वरूप गैस निकलती है –
(i) हाइड्रोजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) ऑक्सीजन
(iv) कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर:
(iii) ऑक्सीजन
प्रश्न 2.
कॉलम A के शब्दों को. कॉलम B के शब्दों से मिलान करें –
उत्तर:
(i) 2
(ii) (4)
(iii) (1)
(iv) (3)
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों को भरें –
(i) अन्तःश्वसन में ……….. गैस प्रयुक्त होता है तथा उच्छश्वसन में ………… विमुक्त होता है।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को ……….. कर देता है ।
(iii) ऑक्सीजन की उपस्थिति में होनेवाला श्वसन ………… कहलाता है।
(iv) अनॉक्सी श्वसन ………….. की अनुपस्थिति में होता है।
उत्तर:
(i) ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड,
(ii) दुधिया,
(iii) ऑक्सी श्वसन
(iv) ऑक्सीजन
प्रश्न 4.
श्वसन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
श्वसन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। ऑक्सी श्वसन और अनॉक्सी श्वसन।
प्रश्न 5.
अनॉक्सी श्वसन क्या है ?
उत्तर:
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लुकोज का अपघटन अनॉक्सी श्वसन कहलाता है । इस क्रिया के फलस्वरूप अल्कोहल कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा प्राप्त होती है।
कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा प्राप्त होता है।
ग्लूकोज → अल्कोहल + कार्बन डाइऑक्साइड + ऊर्जा
प्रश्न 6.
श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन का महत्व बताएँ।
उत्तर:
ऑक्सीजन जीवन के लिए उपयोगी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं वह कोशिकीय श्वसन की क्रिया करता है। इन्जाइमों की सहायता करता है। रक्त शरीर के विभिन्न भागों की कोशिकाओं में पहुँचाता है। ऑक्सीजन रक्त के साथ मिलकर ऑक्सी हीमोग्लोबीन बनाता है। ऑक्सीजन ग्लूकोज के – साथ अभिक्रिया कर CO2 प्रदान करता है और ऊर्जा होता है।
प्रश्न 7.
अन्तःश्वसन तथा उच्छश्वसन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तःश्वसन एक यात्रिक क्रिया है। अन्तःश्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती है तथा डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है जिस कारण वक्ष गुहा का आयतन बढ़ जाता है और वायु फेफड़ों में प्रवेश कर जाती है। अतः साँस लेने की प्रक्रिया को अन्त:श्वसन कहते हैं।
उच्छश्वसन भी यांत्रिक क्रिया है। जब ऑक्सीजन में फेफड़ा में पहुँचता है तो पसलियाँ नीचे अन्दर की ओर चला जाता है. और डायफ्राम पहले की स्थिति में आ जाता है। साँस बाहर छोड़ते हैं। अत: साँस छोड़ने की क्रिया को उच्छश्वसन कहते हैं।
प्रश्न 8.
साँस लेने छोड़ने एवं श्वसन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
साँस के रूप में ऑक्सीजन युक्त हवा का उपयोग करते हैं। नासाद्वार द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण कर श्वासनली से होते हुए फेफड़ों तक जाती है और अन्तःश्वसन की क्रिया होती हैं जिसे साँस लेने और जब ऑक्सीजन, ग्लूकोज के साथ अभिक्रिया कर CO2 गैस बनता है और उच्छश्वसन क्रिया के फलस्वरूप साँस छोड़ते हैं। श्वसन क्रिया में साँस लेना और छोड़ना दोनों आता है । श्वसन क्रिया के फलस्वरूप ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना । ऑक्सीजन, ग्लूकोज के साथ अभिक्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड जल और ऊर्जा प्रदान करता है।
प्रश्न 10.
अपने परिवार के सदस्यों की श्वसन दर माऐं और उनमें अन्तर के कारणों का पता लगाएँ।
उत्तर:
शारीरिक सक्रियता बढ़ने से श्वसन की दर बढ़ जाती है। हमारे परिवार में दस वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष के ऊपर भी 0 सदस्य है।
ऊपर के अवलोकनों से पता चलता है कि उम्र बढ़ने से सक्रियता बढ़ती है और 60 वर्ष के बाद सक्रियता घटती है। अत: वयस्क में सक्रियता कम उम्र और अधिक उम्र की अपेक्षा अधिक होती है।
प्रश्न 11.
यदि धरती से पौधों को समाप्त कर दिए जाए तो क्या होगा? कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर:
पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं। अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा करते हैं और ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। ऑक्सीजन गैस जीव-जन्तुओं द्वारा ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ते हैं। पौधे नहीं रहने पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वायुमण्डल में बढ़ जाएगा । वातावरण असंतुलित हो जाएगा। वायुमण्डल में CO2 की मात्रा बढ़ जाने पर वायुमण्डल गर्म हो जाएगा और पहाड़ों पर के बर्फ पिघलने लगेगा और समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा। ओजोन परत जो पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। उस परत को नुकसान पहुँचेगा। धरती से पौधों को समाप्त करने पर पृथ्वी पर जीव-जन्तुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
प्रश्न 12.
रात्रि में पौधों के निकट नहीं सोना चाहिए क्यों?
उत्तर:
पौधे सूर्य के प्रकाश में CO2 ग्रहण कर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते हैं। CO2 पौधों द्वारा ग्रहण और O2 छोड़ना, O2 जीव-जन्तुओं द्वारा ग्रहण और CO2 छोड़ने की क्रिया होती है। इसके कारण ही CO2 और O2 का अनुपात संतुलित रहता है। रात्रि में सूर्य का प्रकाश नहीं होता । अतः प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी नहीं होती। ऑक्सीजन की मात्रा वातावरण में कम हो जाती और CO2 की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण वृक्षों के नीचे साँस लेने में कठिनाई होती है और गर्मी भी अधिक लगती है।
Bihar Board Class 7 Science जीवों में श्वसन Notes
सभी जीव-जन्तु साँस लेते हैं। साँस के रूप में ऑक्सीजन गैस का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड हवा का त्याग करते हैं। तेज चलने, -दौड़ने, कठिन कार्य करते समय साँस जल्दी-जल्दी लेते और छोड़ते हैं। ऑक्सीजन युक्त हवा शरीर के अन्दर ले जाने की क्रिया अन्त:श्वसन तथा कार्बन डाइऑक्साइड युक्त हवा को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया ‘उच्छवसन कहलाती है। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप CO2 गैस लेते हैं और O2 छोड़ते हैं। इस प्रकार CO2 और O2 वातावरण में संतुलित रहती है। नियमित रूप से भोजन करते हैं भोजन में ऊर्जा संग्रहित रहती है जो जैव रसायनिक अभिक्रिया श्वसन से लिए गये ऑक्सीजन के साथ करता है और ऊर्जा मुक्त करता है साथ ही साथ जल और CO2 प्रदान करता है। अंत:श्वसन एवं उच्छवश्न एक यांत्रिक क्रिया है जिसमें ऑक्सीजन अन्त:श्वसित और CO2 उच्छवासित होता है। यह कोशिकाओं के बाहर होनेवाली क्रिया है। इस क्रिया में ऊर्जा खर्च होती है। इस क्रिया में इंजाइम की सहभागिता नहीं होती है। श्वसन जैव रासायनिक क्रिया है जिसमें ग्लुकोज ऑक्सीकृत होकर CO2, जल और ऊष्मा देता है। यह कोशिकाओं के अन्दर होने वाली क्रिया है। इसे कोशिकीय श्वसन भी कहते हैं। इस क्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है। इस क्रिया के निष्पादन में इंजाइम की सहभागिता होती है। जब ग्लुकोज का अपघटन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है तो इस प्रकार का श्वसन ऑक्सी श्वसन कहलाता है।
इस प्रकार का श्वसन पौधे और जन्तुओं में होता है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लुकोज का अपघटन अनॉक्सी श्वसन कहलाता है।
यह क्रिया किण्वन कहलाती है। इस तरह की श्वसन क्रिया सूक्ष्म जीवों तथा जीवाणुओं में होता है।
मानव में श्वसन प्रक्रिया में कई अंग भाग लेते हैं। (i) नासाद्वार, नासागुहा, मुखगुहा, ग्रसनी, श्वसनली और फेफड़ा।
ऑक्सीजन युक्त हवा नासाद्वार से ग्रहण कर नासा गुहा से होते हुए श्वसनली से होकर फेफड़ों में जाती है। फेफड़ा वक्ष गुहा में स्थित होते हैं। वक्ष गुहा को आधार प्रदान करने के लिए डायफ्राम होती है। अन्तःश्वसन के समय डायाफ्राम के कारण पसलियाँ ऊपर नीचे करती हैं। श्वसन की क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में अनेक इन्जाइमों की सहायता से कई चरणों में होता है । रक्त, शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाने वाला ऑक्सीजन है। ऑक्सीजन का वहन लाल रक्त कोशिकाओं में पाये जाने वाले वर्णक हीपोग्लोबीन के द्वारा होता है। यह ऑक्सीजन से मिलकर ऑक्सी. हीमोग्लोबीन बनाता है और ऑक्सीजन विभिन्न कोशिकाओं में फैल जाता है। पुनः कोशिकाओं से हीमोग्लोबीन, कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर कार्बोक्सी हीमोग्लोबीन बनाता है।
हीमोग्लोबीन + ऑक्सीजन → ऑक्सी हीमोग्लोबीन
हीमोग्लोबीन + CO2 → कार्बोक्सी-हीमोग्लोबीन
इस CO2 को बाहर निकलने के लिए रक्त CO2 को फेफड़ों तक लाता । है और CO2 नासाद्वार से बाहर निकल जाता है। तेलचट्टे एवं अन्य कीटों । में श्वसन के लिए उनके शरीर पर छिद्र होते हैं जिसे श्वास रन्ध्र कहते हैं। रन्ध्रों से गैसों विनिमय होता है। मेढ़क जल और स्थल दोनों पर पाया जाने वाला जन्तु है इसमें श्वसन की क्रिया फेफड़ों तथा त्वचा के द्वारा होती है। जलीय जीव मछली श्वसन क्रिया गलफड़ा के द्वारा होता है। ये घुलनशील . ऑक्सीजन का श्वसन कर कार्बन डाइआक्साइड छोड़ते हैं।
जन्तुओं की तरह पौधे भी साँस लेते और छोड़ते हैं। इन्हें भी जीवित रहने के लिए श्वसन क्रियाएँ करते हैं। पौधों में साँस लेने और छोड़ने के लिए : जन्तुओं की तरह अंग नहीं होते बल्कि पत्तियों में पाये जाने वाली रन्ध्रों से कार्बन डाइऑक्साइड लेते और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। रात में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं होती है। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। रात में पेड़ों के नीचे इसलिए नहीं सोना चाहिए। पौधों की कोशिकाएँ जन्तु की कोशिकाओं की तरह ग्लूकोज का अपघटन करती है।